जैतारण : अस्पताल के बाहर दाई ने करवाया गर्भवती का प्रसव, डॉक्टर्स ने किया था ब्यावर रेफर, परिजनों ने किया हंगामा
By: Ankur Fri, 09 Oct 2020 12:11:12
जब भी कभी अस्पताल में कोई मामला सीरियस आता हैं तो उसे आगे बड़े अस्पताल रेफर कर दिया जाता हैं जहां पर्याप्त सुविधाओं के साथ उचित इलाज हो सकें। लेकिन राजस्थान के रास में एक ऐसा मामला सामने आया जहां अस्पताल द्वारा गर्भवती महिला को ब्यावर रेफर कर दिया गया। लेकिन परिजनों ने इसको लेकर हंगामा किया और महिला की अस्पताल के बाहर ही दाई ने गुरुवार रात्रि 10 बजे गर्भवती का प्रसव कराया।
मामले को लेकर परिजनों ने रात्रि में हंगामा किया, जिस पर मौके पर पहुंची पुलिस ने समझाइश कर मामला शांत करवाया। जानकारी के अनुसार सेवरिया गांव से सीता देवी 38 पत्नी भीकनाथ के प्रसव पीड़ा होने पर रास चिकित्सालय लाया। यहां डाक्टरों ने महिला की जांच कर हालत गम्भीर होने पर उसे ब्यावर रेफर कर दिया गया। लेकिन परिजनों द्वारा रास चिकित्सालय में ही डिलेवरी करवाने की जिद कर परिसर में लेटा दिया।
108 एम्बुलेंस स्टाफ सहित चिकित्सालय नर्सिग स्टाफ ने स्ट्रेचर लेकर ब्यावर ले जाने की समझाइश की, लेकिन उनकी बातों को नहीं मानकर 1 घंटे बाद गांव से दाई को चिकित्सालय में बुलाकर महिला का प्रसव करवाया। रात में प्रसव होने के बाद परिजनों ने चिकित्सालय में हंगामा करने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने समझाइश कर मामले को शांत करवाया।
अस्पताल के बाहर गर्भवती महिला दर्द से कराहती रही, डॉक्टर व स्टाफकर्मी मूकदर्शक बने रहे
चिकित्सालय परिसर में परिजनों द्वारा हंगामा करने पर पुलिस व स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा महिला के परिजनों से समझाइश की गई। इस दौरान चिकित्सालय स्टाफ द्वारा महिला व बच्चे को चिकित्सालय में भर्ती करने का आग्रह किया, लेकिन परिजनाें ने चिकित्सालय में भर्ती करवाने से मना कर दिया। उसके बाद परिजनों से समझाइश कर 108 एम्बुलेंस से प्रसूता को उसके घर छोड़ा गया।
बड़ा सवाल: लेबर रूम में संसाधन उपलब्ध, फिर रेफर क्यों किया
चिकित्सालय में गुरुवार रात्रि में प्रसूता को प्रसव पीड़ा होने पर चिकित्सकों ने उसे ब्यावर रेफर किया, लेकिन परिजन ब्यावर नहीं लेकर गए। रात्रि में परिजनों ने बाबरा गांव से दाई को बुलाकर लेकर आए व रात्रि में चिकित्सालय गेट के बाहर सुरक्षित प्रसव करवाया। बड़ा सवाल की चिकित्सालय में लेबर रूम में सभी संसाधन के बाद रेफर किया, लेकिन चिकित्सालय के बाहर दाई ने बिना कोई संसाधन सुरक्षित प्रसव करवा दिया।
चिकित्सालय में महिला को प्रसव के लिए परिजन लेकर आए, लेकिन महिला की हालत को देखते हुए उसे ब्यावर रेफर किया। प्रसूता के हिमोग्लोबिन भी कम होने के साथ रक्तस्राव होने व गर्भाशय बैग भी फट जाने को लेकर 108 की मदद से रेफर किया, लेकिन परिजनों द्वारा ब्यावर नहीं ले जाने की जिद करने लगे। चिकित्सा स्टाफ ने बहुत समझाइश की, लेकिन वो नहीं माने।-जितेन्द्रसिंह गुर्जर, प्रभारी, राजकीय चिकित्सालय, रास
पत्नी को प्रसव पीड़ा होने पर रास चिकित्सालय लेकर गया, लेकिन डाॅक्टर बिना जांच किए उसे ब्यावर रेफर कर दिया गया। मेरी हालत गरीब होने पर मुझे रेफर कर दिया गया। पत्नी को प्रसव पीड़ा अधिक होने पर बाबरा गांव से दाई को बुलाया। उसने मेरी पत्नी को देखकर चिकित्सालय गेट के बाहर उसका सुरक्षित प्रसव करवाया गया। आज मेरे साथ हुआ किसी और के साथ ऐसा न हो। - भीकनाथ, प्रसूता का पति, निवासी सेवरिया
मध्य रात्रि सूचना मिली की रास अस्पताल गेट के बाहर गर्भवती का प्रसव हुआ। यह गम्भीर मामला है। इसको लेकर ब्लाक चिकित्साधिकारी से रिपाेर्ट लेकर दोषी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। - डाॅ. भास्कर विश्नोई, उपखंड अधिकारी, जैतारण
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